जानिए क्यों झड़ते हैं महिलाओं के बाल

जानिए क्यों झड़ते हैं महिलाओं के बाल


महिलाओं में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया को फीमेल पैटर्न बाल्डानेस के रूप में भी जाना जाता है और यह मेल पैटर्न बाल्डनेस की तरह ही सामान्य रूप से पाया जाता है। फीमेल पैटर्न बाल्डनेस बालों के गिरने की आनुवंशिक समस्या है, जिसमें पूरे सिर की त्वचा पर बाल क्रमिक रूप से विरल हो जाते हैं। महिलाओं में एंड्रोलेनेटिक बाल्डनेस पुरूषों की भांति हेयरलाइन पर असर नहीं दिखाता या पूरी तरह से गंजेपन का शिकार नहीं बनाता बल्कि बालों का क्रमिक रूप से कम होते जाना देखने में आता है।महिलाओं के बाल कई कारणों से गिरते हैं। उम्र बढ़ने के साथ पुरूषों और महिलाओं दोनों में ही बालों की मोटाई और सघनता कम होती जाती है, बालों इस तरह पतला होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसे इन्वॉजल्यूशनल एलोपेसिया के नाम से जाना जाता है। ऐसा तब होता है जब सामान्य से अधिक मात्रा में बालों के रोमकूप रेस्टिंग फेज में होते हैं और ग्रोथ फेज कम होता है।


  • बालों के समय से पहले गिरना एक आनुवंशिक समस्या है जिसे एंड्रोजेनिक एलोपेसिया कहा जाता है। महिलाओं में बाल गिरने का यह एक सामान्य‍ रूप है। लेकिन गंजेपन की शुरूआत होने का समय और प्रतिरूप (पैटर्न) लिंग के अनुसार अलग-अलग होते हैं। इस समस्या से परेशान पुरूषों में बाल गिरने की समस्या किशोर अवस्था से ही हो सकती है, जबकि महिलाओं में इस प्रकार बाल गिरने की समस्या 30 के बाद उत्पन्न, होती है। महिलाओं में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया को फीमेल पैटर्न बाल्ड नेस के नाम से भी जाना जाता है। इस समस्या से ग्रस्त महिलाओं के पूरे सिर के बाल कम हो जाते हैं लेकिन हेयरलाइन पीछे नहीं हटती।
  • हालांकि यह पूरे गंजेपन का कारण थॉयरॉइड बढ़ने का बड़ा इशारा है बालों का झड़ना। थायरॉइड ग्लैंड के अधिक सक्रिय होने या कम सक्रिय होने का संबंध बालों के झड़ने से है पर तसल्ली की बात यह है कि थायरॉइड के उपचार के साथ-साथ यह समस्या अपनेआप कम हो जाती है।कई बार बड़ी सर्जरी के कई महीनों बाद तक भी बालों का झड़ना कम नहीं होता है। इसकी वजह सर्जरी और एनेस्थिसिया का प्रभाव और रिकवरी में देरी हो सकता है।
  • बहुत लंबे समय तक तेज बुखार, टायफाइड या वायरल संक्रमण के कारण भी बाल अधिक झड़ते हैं। यह कोई स्थायी समस्या नहीं है और इन रोगों के उपचार के साथ-साथ इसे ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ विशेष प्रकार की दवाएं, जैसे रक्त पतला करने के उपचार के दौरान ली जाने वाली दवाएं, विटामिन ए सप्लीमेंट, गठिया, दिल के रोगों से जुड़ी दवाएं, बीपी की गोलियां, कंट्रासेप्टिव दवाएं या नींद की दवाओं के सेवन से भी बालों का झड़ना बढ़ जाता है।
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  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है जिसकी वजह से भी बाल तेजी से झड़ते हैं। गर्भावस्था के दौरान खानपान पर ध्यान देने से इसे कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
  • एस्ट्रोबजेन (महिला) और टेस्टोतस्टेरोन (पुरूष) ये दोनों ही प्रकार के हार्मोन पुरूषों और महिलाओं की शरीर प्रणालियों (बॉडी सिस्टमम्स) में पाए जाते हैं लेकिन पुरूषों से महिलाओं में इन दोनो हार्मोनों का स्तर अलग-अलग होता है। महिलाओं में एस्ट्रोजेन का स्तर टेस्टोस्टेरोन से ज़्यादा होता है जबकि पुरूषों में इसके विपरीत होता है।
  • एस्ट्रोजेन अनिवार्य हार्मोन हैं जो महिलाओं के प्रजनन अंगों के लैंगिक विकास हेतु जिम्मेदार होते हैं। स्त्री हार्मोन एस्ट्रोजेन की प्राकृतिक और उच्च उपस्थिति के कारण महिलाओं को पैटर्न बाल्डसनेस से बचाव में मदद मिलती है जो टेस्टोतस्टेहरोन के असर को संतुलित रूप से रोकता है, इस तरह से कुछ सीमा तक बालों के गिरने की आनुवंशिक समस्याअ से राहत मिलती है।
  • हालांकि हार्मोन संबंधी गड़बड़ियों के कारण जो कि विभिन्न कारणों से हो सकती हैं महिलाओं में एस्ट्रोजेन का स्तर गिरने से टेस्टोस्टेरोन को टेकओवर करके डीएचटी में परिवर्तित होने का मौका मिल सकता है जो बालों के गिरने का कारण बनता है।
  • आनुवंशिक कारणों के अलावा, महिलाओं में बाल गिरने की समस्या थॉयराईड हार्मोन्स के असंतुलन, गर्भावस्था, मेनोपॉज, बीमारियों और दवाओं से उपचार के कारण भी उत्पन्न हो सकती है। महिलाओं में बाल गिरने की शुरूआत प्रीमेनोपॉज या मेनोपॉज अवधि के दौरान अधिकतर देखने में आती है जब एक निचले स्थिर स्तर तक पहुंचने के लिए एस्ट्रो जेन का स्तर असंतुलित होता है और टेस्टोस्टेरोन के खिलाफ एस्ट्रोजेन की बचाव क्षमता में कमी हो जाती है।

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